बारिश पर कविता

देखो वर्षा के यह मनमोहक बादल,
जो लाते है बारिश का यह जल|
देख मन इन्हें होता प्रफुल्लित,
वर्षा ना हो तो मन हो जाता विचलित||

किसानों को यह देती सिंचाई की सुविधा,
यदि वर्षा ना हो तो हो जाती है बड़ी दुविधा|
इस ऋतु में चारों ओर हरयाली लहलहाती,
इसकी मनोरम छंटा सबके मन को भाती||
वर्षा ऋतु की यह छंटा निराली,
जो सबके लिये लाती खुशियों की झोली|
आओ संग मिलकर झूमे गायें,
वर्षा ऋतु का साथ मिलकर लुत्फ़ उठाये||


वर्षा ऋतु पर कविता


वर्षा ऋतु का आनंद
देखो एक बार फिर से बारिश का मौसम आया,
अपने साथ सबके चेहरों पर मुस्कान है लाया|
देखो वर्षा में हवा कैसी चल रही मंद-मंद,
क्या बच्चे क्या बूढ़े सब लेते इसका आनंद||

देखो चारो ओर फैली यह अद्भुत हरियाली,
जिसकी मनमोहक छंटा है सबसे निराली|
जिसको देखो वह इस मौसम के गुण गाता,
बारिश का मौसम है ऐसा जो सबके मन को भाता||

मेरे मित्रों तुम भी बाहर निकलो लो वर्षा का आनंद,
देखो इस मनमोहक वर्षा को जो नही हो रही बंद|
छोटे बच्चे कागज की नाव बनाकर पानी में दौड़ाते है,
वर्षा ऋतु में ऐसे नजारे नित्य दिल को बहलाते है||

तो आओ हम सब संग मिलकर झूमे गाये,
इस मनभावी वर्षा ऋतु का आनंद उठाये|

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